क्योंकि तुम लड़की हो ...
तू न किसी का आधार
क्योंकि तुम लड़की हो ...
पैंट नही सलवार लिबास है तुम्हारा
बनी नही हो तुम और न पैंट तुम्हरे लिए
क्योंकि तुम लड़की हो....
मर्यादा का भार उठाना है तुमको
खुद को लोगो से बचाना है तुमको
चाहे हो फिर गलती किसी की इल्ज़ाम उठाना तुमको
क्योंकि तुम लड़की हो...
आँचल नही ढ़ले ज़रा सा भी ध्यान रहे
आँखे न उठे बात याद रहे
तुम्हे हमेसा जीना औरों के लिए
खुद को न रखना आगे ख्याल रहे
क्योंकि तुम लड़की हो ...
रोती हो ,ईर्ष्याति हो ,जज़बाती हो
पर जज़्बात तुम्हारे मायने नही,
दुर्गा लक्ष्मी काली हो
पर मान्य केवल बातों मे
क्योंकि तुम लड़की हो...
माँ हो ,बेटी हो,
पत्नी हो ,प्रेयसी हो,
सखी हो तो बहन भी हो
और न जाने तुम क्या क्या हो
उठो जागो समझो
जननी हो तुम
तुम नही कोई साधारण
तुमसे है आधा संसार
क्योंकि तुम लड़की हो....
बराबर हक है तुम्हारा
औ' बराबर ज़िम्मेदारी पुरषों की
तुम ही समझओगी फिर से इस समाज को
अर्थ अर्द्धनारेश्वर का
क्योंकि तुम ही सती तुम पार्वती हो ....
तुम ही शिव की शक्ति ,तुम ही ये प्रकृति हो ....
तुम ही जननी हो...
क्योंकि तुम लड़की हो....
क्योंकि तुम लड़की हो ....
मुस्कान कुमारी
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